Common Room का वो आखिरी कोना


रंग बिरंगी यादों में , मुझे है फिर से डूब जाना  
Common room के उस आखिरी कोने में फिर से है धूम मचाना  

Apollo से लेके अपोल्ली तक , खोका से लेके खोकी तक , हल्ला हर जगह हमने खूब मचाया  
Mess में मगर जब बंटती थी रोटियां , आवाज़ में होता था कुछ  जोर ही  अलग  
Chotu Bhaiya- चार रोटियां ले आना  
बस इसी बुलंद आवाज़ को फिर से है पाना  
Common room के उस आखिरी कोने में फिर से है धूम मचाना  

गाने भी हमने खूब गाये , डांस भी किया तड़क भड़क  
चार दीवारों की उस  GH में मगर दुनिया ही थी कुछ अलग  
किस्से भी थे, कहानियां भी थी , Gossip  की कमी न कुछ  
हर एक किस्से कहानी का बस फिर से युही लुत्फ़ उठाना  
Common room के उस आखिरी कोने में फिर से है धूम मचाना  

लोहरी से लेके  Xmas तक , त्यौहार भी हमने खूब मनाये  
Special dinner के नाम पे पापा के पैसे उडाये
हर इक बात पे बस Mezbaan पहुंच जाते थे  
पैसों की कमी हो तो Nuway से काम चलते थे  
गज़ब थे वो दिन , हर Occasion का बस यूँ ही Special Occasion में बदल जाना  
Common room के उस आखिरी कोने में फिर से है धूम मचाना  

रंग बिरंगी यादों में मुझे है फिर से डूब जाना
Common Room के उस आखिरी कोने में फिर से है धूम मचाना


Check out photographs at http://www.facebook.com/nitkkr   

Comments

  1. Thanks Deepak... Are you from NITK ?

    ReplyDelete
  2. Swati: I really miss that energy and enthusiasm. or probably no way out to utilise the energy..

    ReplyDelete

Post a Comment

What you think

Popular posts from this blog

Marakkech part 2

And he started it again....

Je to ab manne bhi pata hai